BA Metaphysical Poetry Study Material notes
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BA Metaphysical Poetry Study Material notes Metaphysical Poetry Characteristics of the Metaphysical School Trains of Metaphysical Poetry in Donne Reawakening of Interest in Metaphysical Poetry Language Diction and Versificationin Donne Poetry :

BCom 2nd Year Entrepreneur Meaning Concept Forms Study Material Notes in Hindi
मेटाफीजिकल (परा–प्राकृतिक) काव्य
Dryden ने Donne की Lyrics and Satires के संदर्भ में ‘Metaphysical’ शब्द का पहली बार, अपने पत्र “Discourse of Satire” (1693), में प्रयोग किया। Dryden ने कहा, “Donne तो प्रकृति के मूलभूत सिद्धान्तों के साथ छेडखानी करता प्रतीत होता है।” इस कथन का अर्थ था कि Donne अपनी कविताओं में मध्यगीन पांडित्य प्रदर्शन करने वाले दार्शनिकों के शब्दों और तर्कों का प्रयोग करता है, और वह बौद्धिक विश्लेषण की ओर ज्यादा झुकाव रखता है। आगे चलकर 1779 में Dr. Johnson ने इस शब्द की Donne एवं Metaphysical कवियों की परम्परा वाले कवियों पर लागू किया।
अर्थ–शब्द Metaphysics को दो शब्दों में सन्धि विच्छेद कर सकते हैं- ‘Meta’ का अर्थ है ‘परे’ और ‘Physics’ का अर्थ है ‘प्रकृति’। सत्रहवीं शताब्दी के अन्त में Dr. Johnson ने Donne की कविता के सन्दर्भ में Dryden के मत की पुष्टि कर दी। तब से ही Metaphysics को Donne एवं उसके अनुयायियों के सन्दर्भ में प्रयोग किया जा रहा है। इस शब्द का निहित अर्थ शुष्क तर्क की प्रक्रिया है, ब्रह्माण्ड की प्रकृति के विषय में चिन्तन है, और जीवन एवं मुत्यु की समस्या है।
Metaphysical Poetry Study Material
एक Metaphysical कविता लम्बी होती है, जबकि Donne की कवितायें छोटी हैं। उसकी कवितायें कोई दार्शनिक तरीका ब्रह्माण्ड के विषय में प्रस्तुत नहीं करती, बल्कि अन्य कविताओं को भाँति उसकी कविता गहरे भावों एवं व्यक्तिगत अनुभव से सम्बन्धित हैं।
पतन– सोलहवीं शताब्दी के अन्त तक एवं सत्रहवीं शताब्दी के प्रारम्भ तक महान ऐलिजाबेथन कविता खाली हो चुकी थी। हर जगह पतन के चिन्ह दृष्टिगोचर होते थे। साहित्य में, मोटे तोर से, केवल तीन परम्परायें थीं- The Spenserian, Arcadian, तथा Petrarchan। इस प्रकार से हर चीज परम्परागत एवं बनावटी थी। मौलिक एवं विशेष बहत कम था। कविताओं में बहुत ज्यादा मधुरता एवं नियम विहीन अति अपव्यय प्रतीत होते थे। परन्तु ये सब कवितायें बौद्धिक रूप से खाली सी लगती थी। की कविता और उसकी विशेषतायें, संस्थापक- Donne के युग तक कविता का चलन पुराना पड़ गया। अत: इसके विरूद्ध आन्दोलन चल पड़ा,जिसका परिणाम Metaphysical Poetry हुआ।
कविता के क्षेत्र में ‘Metaphysical वाद Renaissance के प्रतिक्रियास्वरूप आया, जो कि अति में पककर सड़न की ओर बढ़ गया।’ -(C.S.Lewis) इस विद्रोह का नेता John Donne था। अत्यधिक गहरी अनुभूति, बौद्धिक लचीलापन, नाटकीय शक्ति, आत्म निरीक्षण और स्व-विश्लेषण आदि अनेक विशेष गुण थे। वह काल्पनिक गडरियों के विषय में नहीं लिखता बल्कि अपने निजी बौद्धिक, आध्यात्मिक वासनायुक्त अनुभवों के विषय में लिखता है। उसकी शुरू के व्यंग्य, गीत एवं Sonnets, उसकी ‘Holy Sonnets’ आदि विभिन्न अनुभवों की अलग-अलग अभिव्यक्तियाँ हैं। उसकी कविताओं में यथार्थवाद का Tone है यहाँ तक कि उसका सनकीपन भी चकित करने वाला है। Donne कविता की Metaphysical पद्धति की नींव डालने वाला है। Crashaw, Herbert और Vaughan आदि इस पद्धति के प्रसिद्ध सदस्य हैं।
Metaphysical Poetry की विशेषताये– Dr. Johnson ने अपनी पुस्तक “Life of Cowley” में Metaphysical Poetry की विशेषताओं का वर्णन किया है
(1) पांडित्य प्रदर्शन– Metaphysical कवि बड़े विद्वान होते थे, पांडित्य प्रदर्शन (Show of Learning) में विश्वास करते थे।
(2) बुद्धि चातुर्यता– वे विभिन्न प्रकार के wit प्रस्तुत करते थे, जो मोटे तौर से भिन्न एवं असमान वस्तुओं में विचित्र समानतायें देखने के लिए अग्रसर करती थीं।
(3) विचित्र विचार- वे विचित्र प्रकार के बिम्ब एवं पुराने विचारों में आनन्द लेते थे।
(4) अपरम्परागत शैली- वे जो कुछ कहने की आशा करते थे उसकी इच्छा से अग्रसर होते थे, और ऐसी शैली प्रयोग करते थे जो कभी पहले नहीं हुई।
(5) भावुकता का विश्लेषण- उन लोगों को विश्लेषण के प्रति एक शोक था। वे प्रत्येक बिम्ब को टुकड़े-टुकड़े करके विश्लेषण करते थे। भावों की गहरी अभिव्यक्ति के स्थान पर वे भावों का विश्लेषण करने में आनन्द लेते थे।
(6) नया परन्तु कभी भी स्वाभाविक विचार नहीं- उनके विचार बहधा नये होते थे, परन्तु स्वाभाविक बहुत कम। उनके ऊबड़-खाबड़ विचारों को जबरन जोड़कर रखा जाता था, सारी प्रकृति एवं कला को उदाहरण, तुलनायें एवं संदर्भो को ढूँढने के लिए छाना जाता था।
(7) कठोर एवं खुरदरी कविता– उन्होंने मधुर कविताओं की शैली को त्यागा, और अपनी भावुकताओं को कठोर एवं खुरदरी कविता में व्यक्त किया।
Metaphysical School की सामान्य विशेषताये
(1) अच्छे विचारो व भावनाओं में आनंद- Metaphysical कवियों ने अपने विचारों में अच्छे विचारों व भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास किया तथा वे अपनी शैली में लापरवाह थे। वाल्टर स्कॉट के अनुसार “वे भावनाओं के साथ ऐसे खेले जैसे कि एलिजाबेथ युग के कवि शब्दों को साथ खेले” उपमा व ध्वनि की शानदार कल्पना करने के स्थान पर उन्होंने विचारों की तीव्रता पर जोर दिया।
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(2) ज्ञान– Metaphysical कविता इसके लेखकों के ज्ञान से लदी हुई है। Donne Cowley के उदाहरणों से ज्ञान की सम्पूर्ण पुस्तक तैयार की जा सकती है। Dr. Johnson के अनुसार कोई व्यक्ति पैदायशी Metaphysical कवि नहीं हो सकता और न ही कोई वर्णन से वर्णन की नकल करके, नकल की नकल करके, पाम्परिक उपमाओं की नकल करके, लय उत्पन्न करके व छदबन्द्वता उत्पन्न करके लेखक का सम्मान धारण कर सकता”
(3) दूर से ली गयी उपमाएँ– सभी Metaphysical कविता की एक विशेषता है-बाहर से असमान दिखने वाली वस्तुओं में रहस्मयी समानतायें देखना। उनकी उपमाये एवं रूपक चलन से बाहर के है जिन्हें अत्यन्त ही अजनबी स्रोतों से लिया गया है।
(4) अंधकारता–पद्यांश की समानता खोजने के प्रयास में दिमाग व भावनाओं की समानता से, T.S. Eliot के अनुसार Metaphysical कवियों ने अपने आप को समझने में कठिन बना लिया। उन्होंने असमान विचारों को मिला दिया बिना उन्हें मिलाने का प्रयास किये
और पाठकों को दैवीय शक्ति के ऊपर छोड़ दिया जो कि वास्तव में उनके दिमाग में था। महत्वपूर्ण तत्व चिंन्तक कवि की विशेषताएँ Elizabethan कविता की अतियों के विरोध में Metaphysical आन्दोलन का जन्म हुआ। Donne इस आन्दोलन के संस्थापक एवं नेता थे। परन्तु यह कविता सही अर्थों में Metaphysical नही थी। चूंकि यह जीवन और मृत्यु की समस्याओं की, मानव-आत्मा के स्वभाव का विवेचन नहीं करती तो भी इस पद्धति के कवि अपनी कविताओं में ‘भाव’ एवं ‘अनुभव’ का बौद्धिक विश्लेषण प्रकट करते हैं। परन्तु इसको स्वयं Metaphysical नही कहा जा सकता, चूँकि इसके विचार बड़े पुराने और चलन से बाहर के थे। Grierson ने कहा है कि ‘Donne’ को केवल अपनी विद्वता के कारण Metaphysical नही कहा जा सकता। अपित अपनी गहरी चिन्तनपूर्ण रूचि एवं अनुभवों के कारण जिनका उसकी कविता अभिव्यक्ति है, वह धर्म एवं प्रेम के विषय में लिखता है।’
1 चलन से बाहर के विचित्र विचार- Donne की कविता को उसकी Technique एवं शैली के कारण Metaphysical कहा जा सकता है। ऐसी कविता में विचित्र विचार भरे पड़े रहते हैं, जिनको अति में लम्बी की हुई Similes और Metaphors का प्रयोग कहा जा सकता है। इन अलंकारों को बहुत प्राचीन, चलन से बाहर स्रोतों से लिया गया।
Dr. Johnson ने Conceit की व्याख्या करते हुए कहा है कि बाहर से असमान दिखने वाली वस्तुओं में रहस्यमयी समानतायें देखना Conceit कहलाता है।
2. समानता, असमान वस्तुओं में– Metaphysical कवियों ने सदैव ही असमान वस्तुओं में समानता देखी। उन्होंने रूपक एवं उपमा अलंकारों का प्रयोग किया है ताकि दिखने वाली समानता को प्रकट कर सके। ये अलंकार निम्नलिखित विचित्र विशेषताओं से युक्त हैं
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(i) उन्होंने अलंकारों को अति में प्रयोग किया।
(i) उनकी उपमायें एवं रूपक चलन से बाहर के हैं, जिन्हें अत्यन्त ही अजनबी स्रोतों से लिया गया है।
(iii) उनके अलंकारों को अति में अधिकतम दूरी तक विस्तृत किया गया है।
(iv) जिन सम्बन्धों को वे देखते हैं, व्यावहारिक से ऊपर की चीज है, प्रकृति के समक्ष वे स्पष्ट नही दिखते।
(v) उनके बिम्ब तर्कसंगत एवं बौद्धिक हैं, अपेक्षाकृत भावुक एवं धार्मिक नहीं।
3. शब्द के संग जुड़ा हुआ मूल्य- Metaphysical कवि ऐसे शब्द का प्रयोग करते हैं जो तुरन्त मस्तिष्क को बुलाते हैं। वे उन शब्दों का प्रयोग नही करते जो हमारी ज्ञानेन्द्रियों को सम्बोधित करते हैं और स्मरण शक्ति के माध्यम से भावात्मक बातों को उकसाते हैं। अन्य शब्दों में, वे ऐसे शब्द होते हैं जिनके अपने साथ जुड़े हुए मूल्य नही होते हैं। इस बौद्धिक पक्षपात ने उन कवियों की कविता की आकृति पर खराब असर डाला है और उनके लय युक्त Conceits पर भी।
4.Juxtaposition (विपरीत चीजों को साथ जोड़कर रखना)- Donne और उसके अनुयायी विरोधाभास की तकनीक का अनुसरण करते हैं। वे विपरीत चीजों को हिंसात्मक रूप से जोड़कर रख देते हैं। वे निश्चित एवं अनन्त को, भावात्मक एवं दिखने वाली चीजों को, सुन्दर एवं पास की, आध्यात्मिक एवं भौतिक तथा ऊँची और साधारण वस्तओं को एकत्रित करके रख देते हैं।
5. Imagery, तथा Obscurity (अस्पष्टता)- Donne तथा Metaphysical कवियों ने अपना बिम्ब-विधान विभिन्न स्रोतों से लिया है- मध्ययुगीन पुराणशास्त्र, विद्वतापूर्ण दर्शन, Ptolmic की ज्योतिषशास्त्र (मध्य युग का), तत्कालीन विज्ञान के विचार। उनके मस्तिष्क बड़े लचीलेपन लिये थे और इसे समझने के लिए पाठक को समान रूप से लचीला होना चाहिए। अत: उनकी कविता की प्रकृति कठिन है, और उनके मन में से सही अर्थ निकालना है Dr. Johnson का कथन है कि Metaphysical कविता में बड़े फैले हुए। तत्वों को जबरन जोड़कर रख दिया गया है। उनकी कविताओं में अति विचित्र कल्पनायें हैं। उनकी कविताओं में गहन तीव्रता पायी जाती है जो उन्हें और भी ज्यादा कठिन बना देता है।
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6. अति विचित्र एवं हास्यास्पद–Donne की कविता “AValediction Forbidding Mourning” में विरही प्रेमियों की तुलना परकार की दो टाँगों से की गई है। इस बिम्ब को बहुत ज्यादा विस्तारपूर्वक बनाया गया है। अन्त में दोनों टाँगे पुनः मिलती हैं ठीक ऐसे जैसे कि प्रेमीगण अन्त में चलकर मिल जाते हैं। दूसरा उदाहरण उसकी कविता “The Flea” है, जिसमें Donne ने पिस्सु को प्रेमियों की “शादी की शैया” और “शादी का मन्दिर” कहा है। यह अति विचित्र एवं हास्यास्पद है। इसमें अपव्ययपूर्ण अतिशयोक्ति का उदाहरण है। Donne अपनी प्रेयसी को गलती से देवता समझ बैठता है, चूंकि उसको देवता से कम समझना घृणा की वस्तु होगा।
7.विरोध की कविता: अपरम्परागत शैली– Elizabethan युग की परम्परागत शैली अति में इस्तेमाल होती थी। इसके खिलाफ विद्रोह हुआ जिसने Metaphysical कविता को जन्म दिया। Donne मौलिकता एवं नवीनता को ढूँढते थे, जिसे उन्होंने विभिन्न तरीकों में पाया
(i) Far-Fetched और विचित्र Conceits के द्वारा उसे आसान एवं सपरिचित पौराणिक बिम्ब-विधान से कुछ नही लेना था। उसने देवी देवताओं की संगत को हटा दिया, और यूनानी तथा लेटिन कविता के अवशेषों को छोड़ दिया।
(ii) Donne लोगों की स्वाभाविक भाषा का प्रयोग करता था। परन्तु तब नही जबकि वे भावात्मक रूप से उत्तेजित होते थे, बल्कि तब जबकि वे दैनिक कार्यक्रम कर रहे होते थे।
(iii) Donne अपने विचार को ज्यादा सही तौर से संचारित करना चाहता है. और भावात्मक स्थिति के लिए बोले जाने वाले शब्दों के समकक्ष की तलाश करता है। इसका फल ये होता है कि बड़े प्राचीन, चलन से बाहर वाले विचित्र शब्द प्रयोग में आ जाते हैं।
(iv) अपने मौलिक होने के लालच में Donne ने Petrarchan कवियों की अत्यन्त मीठी परम्परा को त्याग दिया।
(v) Donne एवं अन्य Metaphysical कवि तुकबन्दी, छन्द एवं कविता लिखने की कला से जुड़े प्रत्येक नियम की अनदेखी करते हैं।
(vi) लहजे को कायम न रख पाने के कारण Donne दण्ड के अधिकारी थे।
(vii) उसकी ताले पाठक को झटका देती हैं और उसे इन्हें न मानने को सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। Donne अपने पाठकों को सोचने के लिए प्रेरित करता है। इसी कारण उसकी कविताओं का प्रारम्भ अचानक होता है, जैसे कि “The Canonization” में “For God’s Sake hold thy tongue, and let me love”.
(viii) Donne के Witty वाक्य बहुत ज्यादा चकित करने वाले होते हैं। उसकी Wit केवल मात्र ऐसी नही है कि “जो बहधा सोचा तो गया परन्तु इतने सुन्दर ढंग से व्यक्त नही किया गया” अपितु जो “बहत कम सोचा गया और कभी भी इतने सुन्दर ढंग से व्यक्त नही किया गया” जैसे कि Phoenix (पौराणिक चिडिया) Donne की कविता “TheCanonization” आदि।
(ix) विषय–वस्तु एवं शैली– Donne एवं अन्य Metaphysical कवियों की कवितायें हमारे ध्यान को खींचती हैं तथा अपनी अपरम्परागत शैली तथा विषय वस्तु हमको भौचक्का कर देती हैं।
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(x) भाव को विश्लेषण करना: बौद्धिक स्तर- Donne और उसके अनुयायी सदैव ही भाव का विश्लेषण करते हैं। प्रत्येक गीत भावात्मक स्थिति में उभरता है, और भाव तार-तार करके विश्लेषित होता है। एक चालाक वकील की भाँति Donne अपने दृष्टिकाण की पुष्टि में तर्क देता है जैसे कि “The Canonization” में वह साबित करता है कि सच्चे प्रेमी प्रेम के महात्मा होते हैं। यह स्थिति उसकी कविता को कठोर एवं खुरदुरा बना देता है। परन्तु इससे फल निकलता है-“Unification of Sensibility” जिसके कारण आधुनिक युग में T.S.Eliot ने Donne की Metaphysical कविता की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
मेटाफिजिकल काव्य में रुचि का पुर्न जीवन | Donhe की श्रेष्ठता- Donne की Metaphysical कविताओं को तीन शताब्दियों के लम्बे अन्तराल तक ग्रहण लगा रहा। 1912 में Grierson Smith की पुस्तक “Metaphysical Poetry” प्रकाशित हुई। Grierson ने Donne के लिए एक प्रसिद्ध स्थान ‘प्रेम के कवि’ के रूप में स्थापित किया।
पुनः जीवन के कारण- इस प्रकार Donne की वास्तविक श्रेष्ठता को मान्यता मिली। इस तथ्य को इस प्रकार समझाया जाता है कि Donne के युग आधुनिक युग में अति समीप की समानतायें हैं। Donne के काव्य में परिवर्तन की विशेषता थी जबकि पुराने Elizabethan आदर्श एवं परम्परायें टूट गयी। विज्ञान के उत्थान के फलस्वरूप धर्म एवं मान्य मूल्यों एवं आदर्शों में विश्वास की कमी आयी। इससे पुराने एवं नये, मध्ययुगीन एवं आधुनिक के बीच टकराहट बढ़ी। अत: तनाव, टकराहट, हिंसा एवं असुरक्षा की अनुभूति का विस्तार बढ़ा। Donne के युग एवं आधुनिक युग के बीच मार्मिक समानता दिखाई पडी। इसके कारण Metaphysical कविता की लोकप्रियता का विस्तार बढ़ा।
आधुनिक कवियों पर बड़ा भारी प्रभाव- आधुनिक कवि W.B.Yeats और T.S. Eliot-Donne की कविता द्वारा बहुत प्रभावित हुए। Eliot ने Donne के पक्ष में तर्क दिये, और ऐटलांटिक महासागर के दोनों ओर Metaphysical कविता को पुनः जीवित किया। अपनी पुस्तक ” Essays on Metaphysical Poets” में Eliot ने बल देकर कहा कि Donne की कविता में विचार एवं अनुभूति का सम्मिश्रण पाया जाता है। उसने महान अंग्रेजी कवियों के बीच Donne के लिए एक प्रसिद्ध स्थान का दावा किया। इसका कारण था “Unification of Sensibility” साथ ही Eliot ने Donne एवं अन्य अंग्रेजी कवियों की कविताओं में “Dissolution of Sensibility” (विचार एवं अनुभूति का घुल मिल जाना) इस प्रकार Donne की कविता के अनोखेपन पर बल दिया गया और Metaphysical कविता में रूचि को पुनः जीवित किया गया। Donne के विचित्र विचार, उसकी कविताओं में अचानक प्रारम्भ, उसका विडम्बनापूर्ण एवं गम्भीर बातों को बराबर में रखना, उसकी असमान चीजों को जबरन इकटठे रखना आदि- इन सब पक्षों को T.S. Eliot की कविता में देखा जा सकता है, और उसके (T.S. Eliot) माध्यम से Metaphysical कवियों के द्वारा धीरे-धीरे आधुनिक युग के युवा कवियों तक पहुँचा।
प्रदत्त पंक्तियों को ध्यान से पढ़ना- इसके पश्चात् इस सन्दर्भ में “New Critics” नामक पुस्तक के प्रकाशन से सहायता पहुँची। सभी नये आलोचक मानते हैं कि कविता अपने में एक चीज होती है। उन्होंने किसी कविता को ध्यान से पढ़ने पर बल दिया, परन्तु मस्तिष्क को आज्ञा नही दी कि वह कविता की ऐतिहासिक अथवा biographical (पर कथा लेखन सम्बन्धी) सन्दर्भो से पक्षपात रखें। इस प्रकार Metaphysical कविता के सूक्ष्म अध्ययन की आवश्यकता है ताकि भावों का विश्लेषण किया जा सके। यह पद्धति फलदायक मानी गयी। अत: Donne की कविताओं ने नये आलोचकों को आकर्षित किया एवं उनकी मन-पसन्द बनी। फलतः यह बात स्थापित हो गयी कि Donne की कविता में से ज्यादा अर्थ कोई Quotation अलग-थलग नही, एक कविता पूर्ण है- नये आलोचक जैसे T.S. Eliot, I.A. Richards एवं अन्य, ने अलग-अलग quotation देने की परम्परा की भर्त्सना की। किसी कविता को पूर्ण रूप से समझने के लिए कविता को सम्पूर्ण रूप से समझने पर बल दिया गया। सभी Metaphysical कवियों ने इस राय को पसन्द किया और इसे अभ्यास में लाये। ये सब बातें प्रारम्भिक सत्रहवीं शताब्दी की Metaphysical कविता को लोकप्रियता एवं रूचि को फिर से जीवित करने का कारण बनी। इस कविता में पर-दुख एवं निराशावादिता पर बल दिया गया।
डन की भाषा, शब्द चयन एवं काव्य कला
Donne ने कमजोर अंग्रेजी भाषा को पुनः सशक्त बनाया। सत्रहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में (Donne का युग), Wordsworth का युग (Romantic युग) और T.S. Eliot, का युग (आधुनिक युग) में अंग्रेजी भाषा बहुत ज्यादा कवितामयी बन गई और साध रण मानव से इसका सम्पर्क छूट गया। अतः भाषा कमजोर पड़ गई। इस भाषा को ज्यादा शक्तिशाली बनाने का काम Donne ने किया।
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घिसा-पिटा-Donne से पहले कविगण Petrarchan आहों को Petrarchan भाषा में व्यक्त करते थे। भाषा, शब्द चयन एवं कवियों की Imagery अत्यधिक प्रयोग के कारण घिसी-पिटी हो गई। कवि एक से बिम्बों को, समान उपमाओं एवं रूपकों को प्रयोग में लाते थे। परन्तु Donne ने इस तमाम पारम्परिक शब्द का बहिष्कार किया। Donne ने प्राचीन धार्मिक ग्रन्थों के देवी-देवताओं को भी छोड़ दिया। उसका शब्द एवं Imagery भिन्न है। मध्ययुगीन दार्शनिकता, विद्वता एवं विज्ञान आज हमें चलन से बाहर की चीजें प्रतीत हो सकती है, परन्तु Donne के युग में इन सबका ज्ञान सर्वपरिचित था। वास्तव में Donne की भाषा उसके युग के अन्य कवियों की अपेक्षा ज्यादा प्रवाहपूर्ण एवं सरल है। ऐसी सरल एवं वार्ता सम्बन्धी भाषा के माध्यम से Donne जटिल भावुकताओं को भी व्यक्त कर सकते हैं।
उनका शब्द चयन एवं शब्दों से खिलवाड़-Donne का शब्द चयन सरल है, परन्तु सरल शब्दों को अनायास तरीकों से सम्बद्ध करके रखा गया, जिनसे विचित्र मिश्रित शब्द बनते हैं। इस प्रकार वह विचित्र शब्दावलियों एवं वाक्यों का प्रयोग करता है। कभी-कभी वह Pum (श्लेष) का भी प्रयोग करता है। इसके अतिरिक्त वह शब्दों एवं शब्दावलियों की पुनरावृत्ति भी करता है, उनको मदारी की भाँति उछालता रहता है। उसको सर्वनाम एवं संकेतवाचक विशेषणों के साथ खिलवाड़ करने का शौक है।
प्रारम्भ एवं टोन- Donne की कविताओं का प्रारम्भ बहुधा वार्तालाप के टोन में होता है। उसकी कविताओं में लचीलापन और बोलचाल की भाषा की सजीवता पायी जाती है। इसका प्रभाव यह होता है कि कवितायें निश्चित परिस्थितियों, व्यक्तियों के जीवन में से स्वाभाविक तरीके से उभरती हुई लगती है। इस प्रकार उसको अपने पाठकों को चकित करने एवं उनका ध्यान आकर्षित करने में सफलता मिलती है, जैसे कि उसकी कविता “The Canonization” और अनेकों अन्य Wit एवं Paradox (विरोधाभास)- Donne की कविताओं में प्रत्येक स्थान पर एवं हर प्रकार की wit, wit के रंग और tone पाया जाता है। अत्यन्त सरल रूप में उसकी wit उसके pun, word-play, oxymoron एवं विरोधाभास-में पाया जाता है। वास्तव में, उसकी भाषा का प्रयोग बड़ा चतुराईपूर्ण है जो चकित भी करता है और हँसाता भी है। यह Canonization” में देखने को मिलती है। उसकी wit उसके संदर्भ में-“The Kina’s real and his stamped face” में दृष्टिगोचर होती है। . विरोधाभास के रूप में है कि सच्चे प्रेमी सन्तों के रूप में स्थापित तुलनाओं में, समानताओं में और तर्कों में wit- इसके अतिरिक्त Donne की wit उसके मेधावी तुलनाओं, समानताओं और तर्कों में देखी जा सकती है, जिसका प्रयोग वह अपनी बात सिद्ध करने के लिए करता है। ऐसे मामलों में Donne जो कुछ व्यक्त करता है, वह वो नहीं होता जो वह कहना चाहता है-उसके कहने का नयापन और ताजगी, विषय नहीं बल्कि तरीका है जो चकित करके खशी देता है। उसकी कविता “The Flea” में उसके शब्दों की निपुणता इस बात में देखी जा सकती है कि उसने पिस्प के शरीर की तुलना प्रेमियों के शादी के बिस्तर से की है, पिस्सू ने प्रेमिका का रक्त चूसा है और इसके पश्चात् प्रेमी का रक्त। Donne समानतायें ढूँढते नजर आते हैं। वे ऐसा अत्यन्त असमान स्थानों पर देखते हैं, ऐसी अस्वाभाविक आकारों से मिलते-जुलते लगते हैं। वह उन आकारों को अपने पाठकों को भी दिखाते हैं और इस प्रकार उन्हें चकित करके प्रसन्न कर देते हैं। वे ऐसी तुलनाओं को अपनी बात सिद्ध करने के लिये प्रयोग करते हैं।
Conceit (असाधारण एवं चलन से बाहर का विचार )
जैसा कि Donne की उपमाओं में है ऐसा ही उसके विचित्र विचारों में है-दो असमान वस्तुओं की तुलना। सभी कवि असमान वस्तुओं के साथ समानता खोजते हैं परन्तु कोई तुलना अथवा उपमा Conceit बन जाती है, जबकि हमको समानता के प्रति सहमत कराया जाता है, यद्यपि हम असमानता के प्रति बहुत ही सचेत होते हैं। अठारहवीं शताब्दी के अन्त में Dr.Johnson ने कहा था कि Conceit में अत्यन्त ही असमान तत्वों वाली चीजों को जबरन इकट्ठा करके रख दिया जाता है। उपमा को Conceit से भिन्न करने वाली तो असमानता की तीव्रता होती है और विभिन्न चीजों को इकट्ठा रखने की तीव्रता की हिंसा होती है। पाठकों को इस हिंसा, विसंगति की अधिक चेतना होती है अपेक्षाकृत तुलना की उपयुक्तता के। इस प्रकार एक Conceit आवश्यक रूप से एक उपमा है जो अतिश्योक्तिपूर्ण, अति विचित्र एवं एक हास्यपूर्ण तुलना होती है। Donne की बहुधा चर्चित Conceit वो है जिसमें दो प्रेमियों की परकार की दो टाँगों से तुलना की गई है, जैसा कि उसकी कविता “AValediction : Forbidding Mourning” में है।
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कविता लिखने की कला, खोज करने वाला- Donne कविता लिखने की कला में नयी चीजें खोजता है। एक महान छन्दकार के रूप में उसने अनेक छन्दों एवं पदों के साथ प्रयोग किये। वह एक ही छन्द अथवा पद को दोहराता नहीं, जो अपने में बड़ी आकर्षक है। कविता की पंक्तियों में लम्बाई को लेकर, बहुत विभिन्नतायें हैं। छ: से ज्यादा पंक्तियों के पद Donne को अधिक क्षेत्र देते से प्रतीत होते हैं, जिनमें Donne बहुधा विचार एवं अनुभूति के पारस्परिक मेल, जो Donne में अक्सर पाया जाता है को विकसित करने की Donne को जरूरत होती है। छोटे Stanzas बहुत हल्के और कमजोर से दिखाई पड़ते हैं।
विभिन्न प्रकार के ताल- साधारणतया Donne ने lambic छन्द का प्रयोग किया है, परन्तु उसकी ताले भिन्न हैं। उसको तुक की पुनरावृत्ति करने का शौक है। कहीं पर तीन पंक्तियाँ इक्ठे तुक में होती हैं और कहीं चार पंक्तियाँ तुक में पायी जाती हैं। ऐसा उनकी कविताओं में पाया जाता है।
कठोर एवं प्रवाहहीन– Donne की कविताओं को बहुधा कठोर एवं प्रवाहहीन कहकर भर्त्सना की जाती है। Dr.Johnson ने कहा है कि Donne ने लहजे को कायम नहीं रखा, जिसके लिये उसे फांसी पर लटका देना चाहिये। आधुनिक आलोचकों में से अधिकतर Dr. Johnson के मत से सहमत हैं। इस प्रकार की आलोचना Donne की महान तकनीकी मौलिकता को न समझ पाने के कारण हुई। Donne की महानता वार्तालाप जैसे प्रवाह में निहित है। उन्होंने Elizabethan युग की लय को त्यागा और जटिल प्रवाह के नमूनों को प्रयोग किया, जो मस्तिष्क पर प्रभाव डालते हैं। “ध्वनि पैटों में प्रत्येक मोड़-तोड़ को उन्होंने चिन्तन प्रक्रिया के मोड़-तोड़ के अनुसार प्रयोग किया है।” अगर उनकी कवितायें harsh एवं rugged हैं, जैसा कि उनकी व्यंग कविताओं में है तो इसलिये चूंकि वे व्यंग लिख रहे थे जो कि परम्परागत रूप से harsh एवं rugged माना जाता है। __कवितामयी लय के खिलाफ विद्रोह- Elizabethan कविता के विषय-वस्तु के विपरीत विद्रोह करने के अतिरिक्त Donne ने कवितामयी लय की परम्परा के विपरीत भी विद्रोह किया।
इस संदर्भ में Legouis ने कहा है, ” John Donne अंग्रेज कवियों में कदाचित सबसे अनोखा है। उसकी कविताओं की शास्त्रीय लेखकों ने बड़ी खराब आलोचना की है कि उन्हें पढ़कर जायका खराब हो जाता है, उनमें सनकीपन इस सीमा तक है कि ज्यों ही कोई आलोचक उन्हें Condemn करता है, उसका सिर घूम जाता है।” Donne के कवि जीवन के प्रारम्भ में ही Spenser अपनी शान प्राप्त कर चुके थे और Petrarchan कवि बड़ी संख्या में Sonnets लिख रहे थे। Donne ने इन परम्पराओं के खिलाफ प्रतिक्रिया की। उन्होंने अपने ब्दंगों, गीतों, Sonnets एवं Elegies में ताल का उल्लंघन किया। Ben Jonson, Donne के मित्र और प्रशंसक थे। उन्होंने Donne को संसार के कवियों में कुछ लिखने के लिये, प्रथम माना, परन्तु साथ ही यह भी कि Donne ने लहजे को कायम नहीं रखा, जिसके लिये उन्हें फाँसी पर लटका देना चाहिये। उन्होंने माधुर्य को अर्थ का अधीनस्थ बनाया और हावी रहने वाली शब्दावली को नकार दिया। अत: उनकी अभिव्यक्ति में कभी-कभी कुछ कमी हो जाती है।
खोज करने वाला- एक छन्दकार के रूप में Donne ने मुख्य खोज यह को कि उन्होंने speech के cadences को ताल का आधार बनाया। उस युग के नाटककार ऐसा ही blank verse में कर चुके थे, परन्तु किसी ने भी ऐसा अपनी lyrics में नहीं लिया। ये बात बताती है कि Donne की प्रारम्भिक पंक्तियाँ बहत ज्यादा आकर्षक क्यों होती है, जैसा कि “Canonization” में- “For God’s Sake hold your tongue and let me love”
नैतिकतापूर्ण आदर्शों की पुस्तक
Metaphysical कविता के महत्वपूर्ण पक्षों में से धार्मिक पुट एक है। धार्मिक कविता में विकास के सन्दर्भ में सत्तरहवीं शताब्दी एक विशेष विरोध अपने से पूर्व Elizabethan युग के साथ बनाती है, जो धार्मिक पुट के संदर्भ में बहुत थोड़ा महत्व रखती है। इस युग की धार्मिक कविता में नैतिक पुस्तकों के चलन का प्रभाव है, जबकि सभी अन्योक्तिपूर्ण चित्रों में प्रत्येक के संग ऐसी कविता है जो उसकी नैतिकता को सामने लाती है। प्रथम नैतिक पस्तक अंग्रेजी में 1586 में आ चुकी थी, परन्तु इसके सर्वाधिक महत्वपूर्ण उदाहरण नैतिक पुस्तकों का संकलन है जिसे Francis-Quarls ने लिखा (1592-1644)। इन नैतिक कविताओं का परोक्ष प्रभाव Herbert और Crashaw जैसे महत्वपूर्ण कवियों की imagery में देखा जा सकता है। Donne इस शताब्दी के सबसे बड़े धार्मिक कवियों में से एक हैं। उनके उदाहरण पर चलते हुए Metaphysical शैली का प्रयोग Herbert, Vaughan, Crashaw आदि कवियों ने अपनी धार्मिक कविता के लिए किया।
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धार्मिक स्वभाव– Donne का स्वभाव धार्मिक था। वह लगातार सचेत रहकर निहित एकता एवं मूलभूत एकता को देखा करते थे। इस प्रकार के निहित एकता के सिद्धान्त को देखना, Donne की प्रारम्भिक कविता में imagery के द्वारा भी प्रकट होता है। Donne की धार्मिक कविता, उनके कवि जीवन के बाद के भाग में आता है। यह युग Donne के चर्च में व्यवस्था पाने के बाद का है, और इसमें उसकी पत्नी की मृत्यु के कारण, निर्धनता और खराब स्वास्थ्य के कारण- निराशा, उदासी और हताशा दिखाई पड़ती है। धार्मिक कविता में Sonnets का क्रम पाया जाता है जिनके शीर्षक “Lacarona” और “The Litanie” है। सर्वोत्तम धार्मिक कविता “Holy Sonnets”, “The Divine Poems”, “Three Hymns” में पायी जाती है लेकिन उसके सम्पूर्ण कवि जीवन में उसकी imagery स्पष्ट दर्शाती है कि उसकी मेधाशक्ति धार्मिक थी और जरूरी था कि वह धार्मिक कविता लिखे।
एक धार्मिक कवि के रूप में उसकी शक्ति- Donne की धार्मिक कविता “La Carona” और “The Litanie” समकालीन विचार एवं अनुभूति के अनुसार चलती है। इसके अतिरिक्त उसकी धार्मिक कविता Donne के अपने चिन्तन, सन्देह Melancholy आदि की विशेष अभिव्यक्ति को बनाती है। परन्तु धार्मिक कवि के रूप में उसकी विशेष शक्ति ” The Holy Sonnets” and the Last Hynms में प्रकट हुई है। “Only in “The Hymn to God”, “The Father ” में निश्चित विश्वास पाते हैं। हर स्थान पर टकराहट, सन्देह अथवा भय आदि पाये जाते हैं। Donne ने परमात्मा का एक विजेता के रूप में इस्तेमाल किया है अथवा इस प्रकार के Love को इस्तेमाल किया है जो उसकी आदत रहित प्रेमिका को प्रेम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
टोन एवं विधि की विभिन्नता– Donne की कविताओं में टोन एवं विधि की विभिन्नता पायी जाती है। यह नतिक विवादों को निपटाने वाले दर्शन और वाद-विवाद की चतराई में गहरी आवश्यकता आर विश्वास तक फैली है, और कभी-कभी दोनों ही एक कविता में ही पाये जा सकते हैं। ये Metaphysical कविता की विशेष Wit प्रकट करते हैं जो भावात्मक तीव्रता को मजबूत करती है
“Only thou art above, and when towards thee By thy leave I can look, I rise againe; But our old subtle fore so tempteth me, That not one houre myselfe I can sustaine;
प्रेम एवं धार्मिक कविता के बीच तुलना– Donne की शुरू की धार्मिक एवं प्रेम कविता में कोई अन्तर नही है। Donne की धार्मिक कविता शिक्षाप्रद होना प्रथम इरादा नही है बल्कि उसका उद्देश्य अपनी बात व्यक्त करना, अपनी कामनाओं एवं संघर्ष की मुद्राओं को खोलकर रखना, और अपनेपन की मुद्रा व्यक्त करना है। ऐसा भगवान की तलाश में और उनके प्रति अपनी आत्मा को समर्पित करने में है। इन दोनों प्रकार की कविताओं में (धार्मिक एवं प्रेम सम्बन्धी) समान पांडित्यपूर्ण एवं चकित करने वाली imagery तथा समान गहरा तर्कपूर्ण strain मिलता है।
आत्म निरीक्षण सम्बन्धी Anglican, religious कवि : टोन में शिक्षाप्रदप्रेम के कवियों में Donne सबसे ऊपर है। इस प्रकार आत्म-निरीक्षण सम्बन्धी, Anglican, सत्तरहवीं शताब्दी के धार्मिक कवियों में उस का स्थान प्रथम है। Elizabethan एवं Jacobean धार्मिक कविता टोन और उद्देश्य में शिक्षाप्रद है, परन्तु स्पष्ट तरीके से Anglican नहीं है। कविता में पहली बार Donne के साथ एक गहरा मोह उन कैथोलिक तत्वों के प्रति हुआ जो पूर्णतया गायब नहीं हुआ न तो Donne और न ही Herbert की कविताओं में से। Herbert और उसके शिष्यों ने अत्यन्त व्यक्तिगत और आत्मनिरीक्षण सम्बन्धी टोन उत्तराधिकार में पाया। इसमें शिक्षा-प्रद को नीचे स्थान पर रखा गया। इस व्यवहार ने “The Temple” की lyric को, चाहे वह धार्मिक ही क्यों न हो, मुख्यतः एक प्रार्थना अथवा स्वीकारोक्ति बना दिया।
संसार की तुच्छता एवं नश्वरता– संसार की तुच्छता एवं नश्वरता Donne की धार्मिक कविताओं का विषय है। अनेक तत्कालीन बुद्धिजीवियों की भाँति Donne ने महसूस किया कि समय में विसंगति आ गई है, और ऐसा स्पष्ट प्रतीत होता है कि संसार तेजी से अन्त की ओर बढ़ रहा है। Donne की धार्मिक कविताओं के अन्य विषय हैं-मानव का महत्वहीन होना, संसार और मानव के बीच विरोधाभास होना, संसार के सुखों का क्षणभंगुर होना, और शरीर के पिंजरे में जीवात्मा का कष्ट भोगना आदि।
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बहुत ज्यादा व्यक्तिवादी और व्यक्तिगत– Donne की धार्मिक कविता परम्परागत, शिक्षाप्रद शैली में नहीं लिखी गयी जो कुछ धार्मिक सिद्धान्तों को उभारती है। इसके विपरीत यह कविता बहुत ज्यादा व्यक्तिवादी है ठीक ऐसे ही जैसे Donne की कविता। यह कविता Donne के जटिल व्यक्तित्व को व्यक्त करती है। Donne की सबसे अच्छी धार्मिक कविता बहुत ज्यादा व्यक्तिवादी है, यह ईसाईयत के सिद्धान्तों का प्रकटीकरण नहीं करती, बल्कि गहरी नाटकीय प्रार्थना है, जिसमें लालच और भटकने से उद्धार की प्रार्थना की गई है और एक हृदय से परमात्मा की इच्छा में शान्ति प्राप्त करने की बात प्रस्तुत की गई है।
इहलौकिक एवं पारलौकिक के बीच दोलन करना– Donne की कविता में पारलौकिक तत्व पाया जाता है, जो कि जीवन से विरक्ति है। परन्तु वह इसे पूर्णतयः त्याग नहीं सके, यद्यपि वह संसार को झूठा घमण्ड मानते थे। वे इहलौकिक और पारलौकिक के बीच अस्थिर से लगते हैं। इस बढ़ती हुई इच्छा में कि पारलौकिक इहलौकिक पर छा जाये, उनकी धार्मिक कविता का सारा नाटक निहित है जो चर्च के विभेदों को मात कर जाता है। विशालतर अर्थों में धर्म का अर्थ है अपनी इच्छा एवं उद्देश्यों को परमात्मा की इच्छा में जोड देना। Donne इस व्यवहार को ईश्वरीय मानते हैं। इन परिस्थितियों में हम कह सकते हैं कि Donne की कविता धार्मिक है, परन्त केवल संयोगवश Christian है।
वह अपने को ज्यादा खुले तौर से व्यक्त करने में समक्ष समझते थे- Donne अपने को खुले तौर से व्यक्त करने में सक्षम समझते थे। वे उन तमाम चीजों एवं परिस्थितियों को व्यक्त करते थे जहाँ सभी धर्म समाहित होते लगते थे। वे धार्मिक सिद्धान्तों की बारीकियों पर नहीं जाते थे अपितु लालच की अनन्त बारीकियों पर विचार करते थे, और इस लालच से मुक्त होना चाहते थे। वह धर्म जो उनकी कविताओं को गहरी अनुभूतियाँ प्रदान करता है. वास्तव में धर्म है। ऐसा अत्यन्त ही प्रारम्भिक एवं मूलभूत अर्थों में है। Donne जिस चीज की माँग करते हैं वह है शुद्धिकरण एवं ज्ञान का प्रकाश। इस प्रकार धार्मिक कविताओं में Donne के जटिल व्यक्तित्व का ज्यादा आभास मिलता है अपेक्षाकृत सांसारिक कविता के। इस प्रकार उनका धर्म बहुत सरल है। वह आत्मा के इकहरेपन और सरलता को पसन्द करते है।
स्वभाव पर विजय प्राप्त करना– Donne ऐसे संसार का मुकाबला करना चाहता है जिसमें दासता और परेशानियाँ एक के बाद एक आती रहें। वह अपने स्वभाव का शासक बनना चाहता हे दास नहीं। वह दया-धर्म का प्रवाह चाहता है जो उसे निराशा से दूर रखे। वे मानते हैं कि संघर्ष कर्त्तव्य एवं दानशीलता के सार्वजनिक जीवन की ओर ले जाता है, चिन्तनपूर्ण ऊँचाइयों एवं गहराइयों के रहस्यों की ओर नहीं।
Dr. Johnson से समानता– Dr. Johnson एवं Donne में व्यावहारिक नैतिकता एवं स्वाभाविक गम्भीरता पायी जाती है। Donne अपने पापों के प्रति सजग रहे और ईश्वरीय न्याय के सम्बन्ध में दया के याचक रहे।
ईश्वरीय कवि- Donne की धार्मिक कवितायें उनकी इच्छाशक्ति एवं स्वभाव के बीच टकराहट से पैदा होता है। उनकी प्रेम कविताओं में वे इस बात की परवाह नहीं करते कि क्या महसूस करना चाहिये और क्या नहीं, अपितु वे अनुभूति को व्यक्त करने की परवाह करते थे। उनकी धार्मिक कविता में गहरी अनुभूति, परेशानी, नफरत अथवा दुख अपने निजी औचित्य के लिये हुए हैं। परन्तु उनकी ईश्वरीय कविता में अनुभूति एवं विचार को इस पैमाने से जाँचा गया कि एक ईसाई को क्या महसूस करना चाहिये अथवा क्या सोचना चाहिये।
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Donne के प्रेम कवि एवं ईश्वरीय कवि के बीच अन्तर- प्रेम कवि के रूप में Donne किसी ऐसे व्यक्ति के ऋणी नहीं हैं जिसने उनसे पहले कुछ महसूस किया हो अथवा कहा हो। उनकी भाषा उनकी अपनी निजी है। ईश्वरीय कवि के रूप में वे बाईबिल की, स्तुतियों की एवं प्रार्थनाओं की भाषा प्रयोग किये बिना नहीं रह सकते, अथवा ईसाई लेखकों के शब्दों को याद किये बिना भी नहीं रह सकते। Christianity एक खुला धर्म है जो धार्मिक ग्रन्थों एवं Christian जीव-आत्माओं के अनुभवों में निहित है। Christian कवि कभी अकेले नहीं चल सकता। Donne की प्रेम कविता के सत्य कल्पना के सत्य हैं जो सहजता से व्यक्तिगत अनुभवों को परिवर्तित कर देते हैं। प्रगट सत्य उनकी धार्मिक कविता के, उनके द्वारा स्वीकृत आधार है। यहाँ पर कल्पनाशक्ति दूसरा कार्य करती है।
ईसा मसीह का बिम्ब– Donne की ईश्वरीय कविता में ईसा मसीह का बिम्ब छाया हुआ है। ईसा को पाप एवं मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला एवं रक्षक माना गया।
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