BA Hunger Study Material Notes in Hindi

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Hunger

प्रस्तावना

जयन्त महापात्रः एक कवि के रूप में  / अथवा जयन्त महापात्र की काव्यगत विशेषताएँ

जयन्त महापात्र स्वातन्त्रयोत्तर अंग्रेजी काव्य के एक ख्याति प्राप्त कवि हैं। उसके काव्य में पर्याप्त मात्रा में स्थानीय विवरण यथा-पूजा स्थल, मन्दिर, सूर्य के समक्ष नतमस्तक प्रणाम करते हुए स्त्रियाँ, घर में बंधे पशु एवं रिक्शा चलाने वाले मनुष्य- से भरपूर है। वह एक

मौलिक कवि है और इसलिए उसके काव्य में भावनाओं की गहनता और काव्यात्मक कल्पना का समावेश है। भारतीय संवेदनशीलता महापात्र की काव्यात्मक संवेदनशीलता विशेष रूप से भारतीय (पुरी और कोणाक सहित) सहित है। वह अत्यधिक ज्ञान और आवासीय निश्चितता के साथ उडीसा के स्थल दृश्यों का वर्णन करता है। वास्तविक भू-दृश्य उसके काव्य में प्रतीकात्मक एवं सांकेतिक दृश्य बन जाते हैं। उदाहरण के लिए, Dawn at Puri कविता में पुरी शहर के मन्दिरों का सजीव एवं वास्तविक वर्णन है जिसमें दूर-दूर तक कौवो की काँव-काँव, पवित्र रेतकणों पर खोपड़िया और मन्दिर में प्रवेश करने के लिए प्रतीक्षारत सफेद कपड़े पहने विधवाओं का सजीव चित्रण है।

अपनी कुछ कविताओं में महापात्र भारत की तत्कालीन सामाजिक एवं राजनीतिक दशाओं का भी वर्णन करते हैं। वह आर्थिक विषमताओं और सामाजिक कल्याण के प्रति राजनीतिज्ञों की उदासीनता को उजागर करते हैं। अपनी प्रसिद्ध कविता The Secret of Heroism में वह भारत की शोचनीय दशा पर प्रकाश डालते हैं। वेश्यावृत्ति एवं यौनिक शोषण आर्थिक विषमता और सामाजिक अन्याय के ही परिणाम हैं। The whore ina Calcutta Street नामक कविता वेश्यावृत्ति की बुराई का संक्षिप्त, वास्तविक एवं सम्प्रेषणीय लेख प्रस्तुत करती है। Hunger कविता में मत्स्यपालक (पिता) अत्यधिक गरीबी के कारण कुछ कमाने के लिए अपनी ही 15 वर्षीय पुत्री को वेश्यावृत्ति के धन्धे में धकेलने के लिए विवश है।

महापात्र मानवीय सम्बन्धों की जटिलताओं को, विशेष रूप से प्रेमियों के सम्बन्ध में, खोजता है। A Missing person में एक स्त्री प्रेम में ही जीवन की पूर्णता पाती है। The Logic कविता में प्रेमिका को प्रेमी द्वारा इतना अधिक वशीभूत कर दिया जाता है कि अब उसका कठोर व्यवहार भी उसे कष्ट नही पहुँचाता| Lost प्रेम की अपेक्षा Sex के बारे में अधिक है। कवि के लिए वासनाओं की सन्तुष्टि ही जीवन का लक्ष्य है। उसकी काव्यात्मक कला

महापात्र की कविताओं में संरचना एवं भाषा विज्ञान की प्रकृति-विविधता दोनों के ही. दर्शन होते है। उसके प्रतीक और बिम्ब प्रबल और सांकेतिक है। ये कविताएँ उड़ीसा भू-दृश्यके प्रति, उससे सम्बद्ध लोक कथाआ आ से सम्बद्ध लोक कथाओं और धार्मिक उत्सवों सहित, उसके प्रेम को परिलक्षित

स्तव में उसके बिम्ब प्रबल एवं मनमोहक, संक्षिप्त एवं सटीक हैं-देखें

(i) “I watch a cow pause, urinate

A softly spoken sound past.”

(ii) “White drowse in worm, weary ponds”

उसका काव्य नियमित एवं सन्तुलित है। उसके काव्यगत विषय

उसके काव्य के विषय विस्तृत एवं विविध हैं। ये हैं

(i) उड़ीसा का भू-दृश्य, इतिहास एवं संस्कृति

(ii) वासना एवं वासनासक्ति, वेश्यावृत्ति एवं निर्धनता

(iii) हानि, निराशा, दुख, बाहयपन, एवं कष्टों से पीड़ित जीवन का दुखमय दृष्टिकोण

(iv) तात्कालिक वास्तविकता, व्यंग्य के साथ

(v) प्रेम एवं मानव सम्बन्ध भाषा एवं शैली

महापात्र की काव्यात्मक शैली संक्षिप्त, सुबोध एवं तीक्षण है। उसके काव्य में चातुर्यपूर्ण व्यंग्य है। The Faith कविता, जिसमें मन्दिरों के शहर पुरी के लोगों के धार्मिक उत्साह को दर्शाया गया है, हमारी रोगी सभ्यता पर कुछ व्यंग्य है। धर्म हमें विश्राम अथवा सान्तवना नहीं दे सकता।

उसकी काव्यात्मक शैली मौलिक है। अंग्रेजी भाषा पर उसका अधिकार उल्लेखनीय है। उसकी शैली विद्वतापूर्ण होने के साथ-साथ सादी, स्पष्ट और सरल है। यह प्रतीकात्मक एवं कल्पनायुक्त है। बिम्ब प्रदर्शन कविता के केन्द्रीय विचारों की अभिव्यक्ति है।

वह अनुप्रास और ‘रूपक’ अलंकारों का अधिक प्रयोग करता है। इससे काव्यात्मक प्रभाव का सृजन होता है। उसकी कविताओं का ढाँचा संक्षिप्त और घिनका है। इसमें संयम और संक्षिप्तता का ध्यान रखा गया है। निष्कर्ष

जयन्त महापात्र आधुनिक भारतीय अंग्रेजी काव्य के महानतम कवियों में से एक है। वास्तव में वह काव्य को जीवन की वास्तविकताओं के अधिक निकट ले आया है। अंग्रेजी काव्य में उसका योगदान उल्लेखनीय रहा है।

मधुसूदन प्रसाद के शब्दों मेंजयन्त महापात्र का काव्यमय संसार पत्नियों, प्रेमिकाओं, वेश्याओं, कामुक स्त्रियों, ग्रामीण एवं नगरीय महिलाओं और किशोर बालिकाओं आदि के सम्बन्ध में दु:खद अभिव्यक्ति से भरा पड़ा है जिसके लिए वह प्रतिबद्ध था।”

प्रस्तावना

जयन्त महापात्र की कविताओं में Hunger एक ऐसी कविता है जिसने देश में और देश के बाहर काफी प्रसिद्धि प्राप्त की है। यह कविता सर्वप्रथम उसके ही द्वारा सम्पादित अर्द्ध-वार्षिक पत्रिका ‘चन्द्रभाग’ में प्रकाशित हुई और बाद में 1976 में प्रकाशित A Rain of Rites में। यह कविता गरीबी में जीवन यापन करने वाले लोगों की दयनीय दशा के बारे में बताने वाली कविताओं में एक महत्वपूर्ण कविता है। इस कविता से प्रभावित होकर अमेरिकी कवि एवं आलोचक बर्नार्ड यंग ने Hudson Review में 1972 में प्रकाशित की। बाद में महापात्र ने स्वयं इसे Selected Poems में पुन: प्रकाशित किया। Hunger आज भी एक ताजी कविता है और समकालीन अंग्रेजी साहित्य में अत्यधिक विवाद का विषय रही ह। 2010 में Pennsylvania Literary Journal में इसका पुनः प्रकाशन हआ। आत्मकथात्मक तत्व Hunger कविता कवि के जीवन की एक अप्रिय (दूषित) घटना का वर्णन करती है। अपने नगर से कुछ समय के लिए दूर रहने पर जब वह सेक्स की भावना से परेशान हो गया था, उसने समुद्र के किनारे मछुआरे से एक स्त्री के लिए इच्छा प्रकट की। मछुआरे ने अनुमान लगा लिया कि कवि में सेक्स की भूख है। गरीब, भूखा और, दु:खी होने के कारण, मछुआरे ने तय किया कि वह कवि को अपनी पुत्री को सौंप देगा। उसे इस कृत्य के लिए अपराध बोध नहीं हुआ और कवि को अन्धेरी गरीब कुटिया में ले गया जहाँ उसकी 15 वर्षीया पुत्री, (गरीबी से ग्रस्त) के समक्ष और कोई विकल्प नहीं था, अतिरिक्त इसके, कि वह इच्छा से, किसी भी उस व्यक्ति के समक्ष, समर्पण कर दे जो अपनी कामेच्छा को सन्तुष्ट करने के लिए उसे उसका मूल्य चुका सके। कुछ समय के लिए कवि को धक्का लगा, किन्तु उसने कामेच्छा की सन्तुष्टि की। वैचारिक विकास कवि अपने नगर से समुद्री तट पर घूमने गया। वह काम वासना से दुखी था और अपनी वासना की सन्तुष्टि के लिए एक स्त्री चाहता था। एक गरीब भूखे मछुआरे ने उसे एक स्त्री देने की स्वीकृति दी। कवि ने रेतीले तट के पार मछुआरे का अनुसरण किया। मछुआरा उसे अपनी ही कुटिया में ले गया। मछुआरे ने अपनी 15 वर्षीया पुत्री उसे सोंप दी। कुछ क्षण के लिये कवि सन्न रह गया और चुप रहा। परन्तु शीघ्र ही उसे वासना ने घेर लिया। वह अंधेरे में लड़की के पास गया और अपनी वासना को सन्तुष्ट किया। कविता की विषय वस्तु Hunger कविता की विषय वस्तु हैगरीबी, भूख और भुखमरी जो गरीबों को अपने मानवीय गौरव और नैतिकता को खोने के लिए विवश कर देती है। मछुआरा गरीबी और भूख का शिकार है। वह एक दुबला-पतला कमजोर व्यक्ति है जिसकी हड़ियाँ खाल से बाहर निकली जा रही हैं। उसके जबड़े जैसे हाथ समुद्र में जाल खीच रहे हैं। गरीबी से पीड़ित वह मछआरा वक्ता की काम-वासना को सन्तुष्ट करने के लिए अपनी पत्री को समर्पित करने के लिए तैयार हो जाता है। वह धीरे-धीरे वक्ता को अपनी गरीब, अन्धेरी कुटिया में ले जाता है और अपनी पुत्री को यह कहकर उसे सोंप देता है-“मेरी पुत्री, वह अभी-अभी 15 वर्ष की हई है।”

मछुआरा उस स्थान से दूर चला जाता है और वक्ता से कह जाता है कि वह अपने कार्य को शीघ्र ही समाप्त करे। यह घोर निर्धनता और भूख है जो पिता को अपनी पुत्री से वेश्यावृत्ति कराने के लिए विवश करती है। ज्यों ही लड़की अपने आपको समर्पित करती है, कवि को वहाँ भी भूख दिखाई पड़ती है। शीर्षक की उपयुक्तता कविता घोर गरीबी में रहने वाले लोगों की पतित अवस्था के बारे में दहला देने वाली कविता है। यह कविता उन दर्दनाक अनविार्यताओं का चित्रण करती है जिसे अत्यधिक दयनीय गरीबी मनुष्य पर लादती है। यह कविता एक गरीब मछुआरे के जीवन का वर्णन करती है जो अत्यधिक गरीबी के चलते अपनी पत्री को, उसकी इच्छा के विपरीत वेश्यावृत्ति के कार्य में धकेल देता है। यहाँ hunger शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया गया है। इसका प्रथम अर्थ है पेट भरने के लिए भोजन की तीव्र इच्छा, और दूसरा अर्थ है-काम सन्तुष्टि की इच्छा। व्यक्ति की काम तृप्ति की इच्छा है, जबकि जवान लडकी को भख मिटाने के लिए भोजन की इच्छा है। बिम्बों और प्रतीकों का प्रयोग किया ।

 

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