BA Trends Twentieth Century Literature Study Material Notes in Hindi
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BCom Study Material notes in Hindi
Trends in Twentieth-Century Literature
269 20वीं शताब्दी के साहित्य काव्य की प्रवृत्तियाँ
20वीं शताब्दी का आगमन सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं साहित्यिक जीवन के क्षेत्र में नवीन मूल्यों के विकास का साक्षी था। Compton Rickett ने नये युग की तीन महत्वपूर्ण विशेषताओं की ओर संकेत किया है
(1) नवीन अवस्था में स्वतन्त्रता, समानता और पितत्व का प्राचीन कान्तीपूर्ण प्रक्रिया।
(2) सौंन्दर्य की अपेक्षा शक्ति की पूजा।
(3) कला एंव जीवन में पूर्व मूल्यों के प्रति इसका चुनौतीपूर्ण दृष्टिकोण।
आधुनिक युग का साहित्य एवं जीवन रोमांस की अपेक्षा यथार्थवाद के द्वारा नियन्त्रित होता हैं। वर्तमान युग यथार्थवाद का युग है और आधुनिक लेखकों ने मध्ययुगीन समय के साथ व्यवहार करने की अपेक्षा, आधुनिक जीवन की समस्याओं पर अपना ध्यान केन्द्रित किया। नवीन आविष्कार एवं खोजें जीवन के प्राचीन रोमांटिक मूल्यों में परिवर्तन लेकर आये तथा जीवन में पवित्र और मूल्यवान समझी जानी वाली सभी वस्तुओं को भौतिकवादी मोड प्रदान किया। विज्ञान, भौतिकता एवं यन्त्रों का तीव्र विकास कला संगीत एवं साहित्य के व्यापारीकरण को लेकर आया और आधुनिक युग को संसार के व्यापारिक युग के रुप में पुकारा गया। अनेक कवि एवं उपन्यासकारों ने बढ़ती हुई भौतिकता के प्रति घृणा महसूस की और उनके कार्य आधुनिक समय के बढ़ते हुये ज्वार के विरुद्ध विद्रोह से परिपूर्ण थे। Butler एवं Huxley आधुनिक युग के महत्वपूर्ण लेखक हैं जिन्होंने अपने कार्यों में भौतिकता एवं यन्त्रीकरण के प्रति आधुनिक पागलपन पर आक्रमण किया।
यान्त्रिक युग हमारे समय के लेखकों के मध्य केवल विरोध की भावना को ही नहीं लाया बल्कि उनमें निराशा की भावना को भी उत्पन्न किया। आधुनिक जीवन का नीरस अस्तित्व के साथ घृणा से पूर्ण होकर अनेक लेखकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में आराम करने को चुना जहां वे आधुनिक नगरों की मुश्किलों से इन्कार कर सकते थे। आधुनिक साहित्य में नगरों की गंदगी, दुर्दशा, एवं अभद्रता पर आक्रमण किया गया। James joyce, Graham Greene एवं John Masefield के उपन्यासों में आधुनिक जीवन की गंदगी की अभिव्यक्ति थी। यह विकसित होती हई भौतिकता पारिवारिक सम्बन्धों एवं प्रभुत्वता की पृथकता लेकर आया। Theway of the AIIFlesh में Samuel Butler ने माता-पिता की प्रभुत्वता के विरुद्ध युवा के विरोध को अभिव्यक्त किया। D.H. Lawrence ने भी प्राचीन विक्टोरियन प्रभुत्वता के विरुद्ध विद्रोह की आवाज को उठाया तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता के लिये प्रार्थना की।
20 वीं शताब्दी के दौरान शिक्षा की तीव्र उन्नति हुई! सभी वर्ग के लोगों के लिये शक्षणिक सुविधायें उपलब्ध हैं। अज्ञानता चली गयी है और इसके साथ पुस्तक पढ़ने के प्रति श्रेष्ठ प्रेम उत्पन्न हुआ। शिक्षा का तीव्र विकास पुस्तकों की भव्य उपज लेकर आया। आधुनिक समय में साहित्य को सामाजिक उद्देश्यों, विशेषतया समकालीन समाज की सड़ा-गली बुराईयों एवं पीडाओं के सुधार के लिये प्रयुक्त किया जाता रहा है। आधुनिक साहित्य प्रचार का गुण रखता है और इसके माध्यम से नाटककारों ने सामाजिक समस्याओं की विवेचना की। आधनिक साहित्य में उपन्यास प्रमुख साहित्यिक रुप बन गया है और साहित्य के इस महत्वपूर्ण यन्त्र के माध्यम से सामाजिक समस्याओं के साथ बहुत अच्छे से व्यवहार किया जाता है। आधनिक उपन्यास केवल सामाजिक समस्याओं में ही नहीं रुचि लेता बल्कि आधुनिक युग की मनोवैज्ञानिक समस्याओं की विवेचना करने में भी समान रुप से इच्छक हैं। आधनिक साहित्य में नाटक जटिलता एवं नींद के पूर्व युग के पश्चात महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति का साझी रहा। Galsworthy, Bernard Shaw, Barber, T.S.Eliot के हाथों में नाटक ने 20वीं शताब्दी में तीव्र विकास किया।
युद्ध पूर्व के वर्ष उपन्यास एवं नाटक के वर्ष थे तथा काव्य का सापेक्षिक ग्रहण लग गया था। आधुनिक काव्य इतना समृद्ध एवं महत्वपूर्ण नहीं था जितना कि आधुनिक नाटक एवं उपन्यास। स्थिरता के प्रारम्भिक समय के पश्चात् काव्य को yeats के हाथों में पुनजीवन मिला। काव्य पुनः जीवन के निकट स्पर्श से जीवन्त हो गया और यदि उपन्यास को उसकी प्रमुखता से वंचित नहीं कर सकता था तो इसने निश्चित रूप से नाटक को पीछे छोड़ दिया।
साहित्य के सभी क्षेत्रों में नये प्रयोग किये गये। पारम्परिक रूपों को बाहर फेंक दिया गया और उनके स्थान पर काव्य, नाटक एवं उपन्यास के क्षेत्र में नवीन प्रयोग किये गये।
20 वीं शताब्दी का अंग्रेजी साहित्य नाटक, काव्य एवं फिक्शन के क्षेत्र में विदेशी कलाकारों से प्रभावित रहा। नाटक के आकार, विषय-वस्तु एवं मंचकला के क्षेत्र में lbsen का प्रभाव गहन था। Romain Rolland, Dostoevsky एवं Flaubert का प्रभाव आधुनिक उपन्यास पर स्पष्ट हैं। HenriBergson एवं Sigmund Freud के दार्शनिक सिद्धान्तों ने James Joyce, Virginia Woolf एवं Charles Morgan के फिक्शन को रंग दिया। 20वीं शताब्दी काव्य में मुख्य प्रवृत्तियाँ
साहित्य के दूसरे क्षेत्रों के समान काव्य के क्षेत्र में भी हमने एक भव्य गतिविधि को प्राप्त किया। प्रति–दिन हजारों कवितायें लिखी गयी एवं प्रकाशित हुई। काव्य के क्षेत्र में अराजकता इस तथ्य के कारण हैं कि आधुनिक युग में किसी भी साहित्यिक परम्परा का बिल्कुल भी सम्मान नहीं किया गया तथा इसके विपरीत सम्पूर्ण बल व्यक्तित्व पर दिया गया चाहे वह किसी भी योग्य हो। पतनः परम्परा एवं नवीनता
आधुनिक काव्य में हम अत्यधिक प्रयोग एवं नवीनीकरण को पाते हैं। अधिकांश कवि परम्परा से पूर्णतया अलग हो गये हैं क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि काव्य को । परिवर्तित समय के साथ परिवर्तित हो जाना चाहिये। अनेक आन्दोलन स्कूल एवं समूह प्रकट हुये और अप्रकट हो गये। Imagism, Surrealism एवं Apocalypse स्कूल के भी अपन दिन थे। शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों से सम्बन्धित कुछ कवि बने रहे दूसरी तरफ Tennyson, Browning एवं Arnold की परम्पराओं से जुड़े रहे। इन कवियों के मध्य Robert Bridges, William Watson और Sir Henry Newbolt का नाम लिया जा सकता है।
आधुनिक काव्य ने विषयों के चुनाव में श्रेष्ठ स्वतन्त्रता का अभ्यास किया। वो दिन बीत गये जब यह विश्वास किया जाता था कि कवि का कार्य केवल सौंन्दर्य की रचना करना हैं। वह राजा से लेकर गोभी एवं ब्राह्मण से लेकर पिन के शीर्ष से विषय वस्तु लेकर कवितायें लिखने के लिये स्वतन्त्र हैं। दृढ़ यथार्थवाद
यह विषयात्मक क्रान्ति 20वीं शताब्दी के कवियों की दृढ़ यथार्थवाद का संकेत हैं। Pastoralism, Romanticism और ऐसी ही प्रवृत्ति अतीत की वस्तुयें हैं।
खोज करने वाला यथार्थवाद अक्सर आधुनिक कवियों का निराशाजनक तथ्यों से आमना-सामना करवाता है किन्तु हमारे कवि सर्वाधिक साहसपूर्वक व्यवहार करते हैं। वेश्यावृत्ति, युद्ध, गंदगी में रहने वाले औरऐसे दूसरे अकाव्यात्मक विषयवस्तु ने आधुनिक काव्य में उपयुक्त स्थान प्राप्त किया। भय, कुरुपता एवं युद्ध की असभ्यता Seigfried Sassoon और Wilfred Owen जैसे युद्ध कवियों के काव्य में मुख्य विषय बन गये थे। निराशावाद
दो युद्धों एवं तीसरा युद्ध होने के खतरें ने 20वीं शताब्दी के काव्य पर दुखपूर्ण छाया डाली। आधुनिक युग को चिन्ता का युग पुकारा जाता है। धार्मिक विश्वास की कमी भी दिखाई पड़ती हैं। भ्रम एवं पतन के दुख का स्वर काव्य में स्वाभाविक है। इस स्वर को Housman, Hardy, Hurley और T.S.Eliot जैसे अनेक मुख्य कवियों के काव्य में सुना जा सकता हैं। मानवतावाद
जीवन की दु:खद यथार्थताओं की निराशाजनक अनुभूति मानवतावाद की भावना के लिये उत्तरदायी हैं जिसे 20वीं शताब्दी के कवियों के कार्य में सुना जा सकता हैं। Galsworthy.Gibson एवं Masefield जैसे 20वीं शताब्दी के कवियों ने सामाजिक दमन के विरुद्ध अपने विद्रोह की आवाज उठाई। रोमांटिक प्रवृत्ति
अधिकांश कवि रोमाटिसिज्म से घृणा करते हैं। दूसरों ने पारम्परिक रोमांटिकता के विरुद्ध मुक्त रुप से शीर्षक प्रदान किये। फिर भी कुछ अन्य कवियों ने अनजाने में रोमांटिक प्रवृत्तियों की उदघोषणा की। Walter de La Mare,W.B. yeats, John Masefield, James Elroy Flecker एवं Edward Thomas को इन कवियों के मध्य वर्णित किया जा सकता हैं। DelaMare सर्वाधिक महत्वपूर्ण रोमांटिक कवि हैं जो प्रमुख रुप से बचपन एवं आलौकिकता के कवि हैं। प्रकृति
प्रकृति में रुचि दूसरी रोमांटिक प्रवृत्ति है जो 20वीं शताब्दी के कुछ कवियों में देखी जा सकती है। प्रकृति ने कछ कवियों को मन्त्रमुग्ध किया क्योंकि यह औद्योगिक एवं अति-कुलीन युग की कुरुपता के प्रति एक सुन्दर तुलना प्रदान करती है एवं Masefield. Robert Bridges; W.E. Davies एवं Edmund Blunden जैसे कवियों ने प्रकृति में। कोई रहस्यपूर्ण महत्वता को प्राप्त नहीं किया किन्तु वे सभी उसकी सीधे-साधे सौंन्दर्य के प्रति आकर्षित थे। धर्म एवं रहस्यवाद
धर्म एवं रहस्यवाद ने भी 20वीं शताब्दी के कुछ कवियों के काव्य में स्थान प्राप्त किया Jesuit Gerard Manley Hopkins के काव्य में भी यदा-कदा धार्मिक तत्व हैं। Ralph Hodgson की The Song of Honour धार्मिक भावना से ओतप्रोत महत्वपूर्ण कविता है। यहां तक कि Yeats जैसें कवियों के काव्य में भी रहस्यवादी तत्व हैं। जटिलता तथा मनोवैज्ञानिक गहनता
जटिलता तथा मनोवैज्ञानिक गहनता 20वीं शताब्दी के प्रतिनिधि काव्य के कुछ दूसरे गुण हैं। 20वीं शताब्दी के द्वितीय दशक में Eliot तथा Ezra Pound के द्वारा काव्य के प्रारम्भिक सीधे-सादेपन के विरुद्ध प्रतिक्रिया की गयी Ezra Pound, Any Lowell एवं Hilda Doolittle सभी अमेरिकन तथा अंग्रेज Richard Aldington काव्य में imagism के मार्गदर्शक थे। शब्द शैली एवं छन्द – इस आन्दोलन ने काव्यात्मक शब्द शैली और छन्द की अवधारणा को परिवर्तित कर दिया। परम्परिक काव्यगत शैली, Saccharine Poeticism और नियमित छन्द को भी पूर्ण रुप से ठुकरा दिया गया। यद्यपि लय लगभग समाप्त हो गयी फिर भी अभी तक प्रयुक्त की गयी। साधारण बोलचाल के उतार-चढ़ाव के साथ भाषा का प्रयोग किया गया। VerseLibre (free verse) आज के सभी गम्भीर काव्य का सर्वाधिक प्रयोग किये जाने वाला माध्यम है। 20वीं शताब्दी में काव्य की शैली एवं शब्द शैली में अनेक प्रयोग किये गये।